बांगलादेश में हिन्दुओं पर हो रहे उत्पीडऩ पर हस्तक्षेप करे भारत सरकार
बांगलादेश हिन्दू रक्षा समिति ने महामहिम राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
ललितपुर। बांगलादेश में हिन्दुओं पर हो रहे कट्टरपंथियों द्वारा किये जा रहे अत्याचार और हत्या, लूट, आगजनी और महिलाओं से अमानवीय व्यवहार को लेकर बंग्लादेशी हिंदू रक्षा समिति ने लामबंद होकर नगर भर में प्रदर्शन किया। इस दौरान समिति की ओर से प्रमुख मंदिरों के महन्तों ने एकराय होकर जनसमुदाय के साथ देश की महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी को सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि बांग्लादेश के अंदर जिस प्रकार से हिंदू संस्कृति के मानबिंदुओं हिंदू देवालयों पर लक्षित हमले हो रहे हैं वह अत्यंत चिंताजनक है। वर्तमान की बांग्लादेश सरकार तथा उसकी अन्य एजेंसियां इसे रोकने के स्थान पर केवल मूकदर्शक बन करके बैठी हुई हैं। विवशतावश बांग्लादेश के हिंदुओं द्वारा स्वरक्षण हेतु लोकतांत्रिक पद्धति से उठाई गई आवाज को दबाने हेतु उन्हीं पर अन्याय व अत्याचार का नया दौर उमर रहा है। बताया कि तात्कालिक घटनाक्रम में बांग्लादेश में शांतिपूर्ण प्रदर्शों में हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास प्रभुजी को बांग्लादेश सरकार द्वारा अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना, उनको बंद करना, उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना अलोकतांत्रिक, अमानवीय एवं हिंदू समाज के मानवाधिकारी का हनन मी है। हम प्रारंभ से ही यह मांग कर रहे हैं कि बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है उसमें वामपधी इस्लामिक तत्वों के साथ मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन कर रहे हैं। यह दुर्भाग्य की बात है कि पूरे विश्व समुदाय के वैश्विक संगठनों ने इस घटनाक्रम पर जितनी चिंता व्यक्त करनी चाहिए थी एवं जैसी रोक लगनी चाहिए थी, वैसी रोक नहीं लगाई है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की अग्रणी भूमिका में विश्व समुदाय इन सब घटनाओं को अपने संज्ञान में लेते हुए बांग्लादेश सरकार के ऊपर दबाव बनायें और हिंदुओं के ऊपर उत्पीडऩ व अत्याचार एवं देवालयों को लक्षित करके निशाना बनाए जाने की घटनाओं को तत्काल रोकें। तुरंत प्रभाव से इस्कॉन के मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु जी की तत्काल रिहाई की जाए और किसी भी हिंदू नेता, हिंदू पुजारी, हिंदू संत. धार्मिक गुरु को बिना किसी कारण से उत्पीडऩ एवं गिरफ्तार करने की कार्यवाही बंद हो। इस दिशा में भारत सरकार की गंभीर एवं प्रभावी पहल हेतु महामहिम का हस्तक्षेप एवं निर्देश की अपेक्षा की गयी है। इस दौरान श्रीचण्डी मंदिर से स्वामी चन्द्रेश्वरगिरीजी महाराज, सर्वेश्वर धाम से जगदगुरू कृष्णगिरीजी महाराज, वरदानी भवन की प्रमुख सेविका दीदी बी.के.चित्ररेखा, सीतरामदस जी, महन्त गोविन्ददासगिरी, बालयोगेश्वरदास त्यागी, नवल किशोर सोनी, बृजेन्द्र सिंह गौर, रामगोपाल नामदेव, राज्यमंत्री मनोहरलाल पंथ, प्रदीप चौबे, डा.दीपक चौबे, श्याम राठौर, नमिता खरे के अलावा अनेकों लोग मौजूद रहे।