चंडीगढ़ के दो लोगों पर ठगी का केस: विदेश भेजने का झांसा देकर 3 लाख ऐंठे
चंडीगढ़। शहर में इमिग्रेशन धोखाधड़ी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शहर में धोखाधड़ी के चार नए मामले सामने आए हैं। इमिग्रेशन कंपनियों ने तीन चार लोगों के अलावा कई विद्यार्थियों को भी फर्जी वीजा ही नहीं बल्कि फर्जी फ्लाइट की टिकटें तक थमा दीं। चार इमिग्रेशन कंपनियों ने करीब 68 लाख की धोखाधड़ी की है। पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने का एक मामला सेक्टर-17 थाना जबकि तीन मामले सेक्टर-34 थाने में दर्ज किए हैं।
पहला मामला: सुनील परमार ने बताया कि वह वरदान इमिग्रेशन एससीओ नंबर 255 सेक्टर-44 का संचालक है और उसकी कंपनी विद्यार्थियों को वीजा लगवाने के लिए पढ़ाई करवाती है। उन्होंने अपने यहां पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों सहित खुद का ऑस्ट्रेलिया वीजा लगवाने के लिए मंडी गोबिंदगढ़ निवासी प्रिंस शर्मा, खन्ना निवासी सुनील कुमार एजेंट से संपर्क किया था। इन्होंने कुछ दिन बाद ही उन्होंने आस्ट्रेलिया का वीजा व फ्लाइट की टिकटें दे दीं। लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि इन एजेंटों द्वारा जो वीजा व टिकटें दी गई थी, वह सारी फर्जी हैं। इसके बाद पुलिस को शिकायत दी गई जिसके आधार पर इन दोनों एजेंटों के खिलाफ 65 लाख 20 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने पर आईपीसी की धारा 406, 420 के तहत केस दर्ज किया गया है।
दूसरा मामला :
सेक्टर-17 थाने में दी गई शिकायत में नवांशहर के बरनाला कलां निवासी जसबीर सिंह ने बताया कि उसने वर्क वीजा लगवाने के लिए आरएस इमिग्रेशन कंसल्टेंट एससीओ-129-130 द्वितीय तल केबिन नंबर- 204, सेक्टर-17सी कार्यालय में संपर्क किया था। कंपनी के संचालकों ने कहा कि वह उसे वर्क वीजा पर भेज दुबई में नौकरी लगवा देंगे। उसने कंपनी को कुल 1.85 लाख रुपये नकद सहित सारे दस्तावेज दे दिए, लेकिन कुछ दिनों बाद ही कंपनी ने उसे वर्क वीजा के बजाय टूरिस्ट वीजा व फ्लाइट की टिकट दी। साथ ही कहा कि दुबई में पहुंचने के कुछ दिन बाद वह उसका वहीं वर्क वीजा लगवा देंगे। शिकायतकर्ता कंपनी द्वारा दी गई फ्लाइट की टिकट लेकर जब दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा तो पता चला कि उसका वीजा व टिकट दोनों ही फर्जी हैं और उसे वापस घर आना पड़ा। उसने कंपनी कार्यालय में संपर्क किया, लेकिन न तो उसके पैसे वापस किए गए और न ही उसका दोबारा वीजा लगवाया गया। इसके बाद पुलिस को शिकायत दी गई, जिसके आधार पर केस दर्ज किया गया है।
57 हजार रुपये लेकर थमा दिया वीजा, ऑफर लेटर व कांट्रेक्ट लेटर
तीसरा मामला :
सेक्टर-34 थाने में दर्ज किए गए मामले में मोहम्मद शहजाद निवासी गांव टांडा जिला बागपत (यूपी) ने बताया कि उसने वर्क वीजा पर विदेश जाने के लिए फ्लाई ड्रीम ओवरसीज ऑफिस नंबर-407 चौथी मंजिल एससीओ नंबर 107-109, सेक्टर-34ए के ऑफिस में संपर्क किया था। कंपनी ने उससे 57 हजार रुपये नकद और दस्तावेज ले लिए। कुछ दिनों बाद ही उसे कंपनी ने उसे विदेश जाने के लिए वीजा, ऑफर लेटर व एक कांट्रेक्ट लेटर दिया। जब शिकायतकर्ता ने एक अन्य एजेंसी के जरिए इसकी छानबीन की तो पता चला कि फ्लाई ड्रीम इमिग्रेशन कंपनी द्वारा दिया गया वीजा, ऑफर लेटर व एक कांट्रेक्ट लेटर तीनों ही फर्जी हैं। इसके बाद पुलिस को शिकायत दी गई जिसके आधार पर सेक्टर-34 थाने में कंपनी के संचालक सहित अन्य कर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी आईपीसी और 24 इमिग्रेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया।
ई-मेल से भेज दिया फर्जी वीजा
चौथा मामला : जम्मू-कश्मीर के रूपनगर स्थित शारिका विहार निवासी शैली बजाज की शिकायत पर यूरोपियन एजुकेशन कंसल्टेंट एससीओ नंबर 232-234, सेक्टर-34ए के खिलाफ सेक्टर-34 में धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी आईपीसी और 24 इमिग्रेशन एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि संचालकों ने उसे कहा था कि उनकी कंपनी माल्टा में नौकरी के लिए वर्क परमिट वीजा के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज उपलब्ध कराती है। लेकिन कुछ दिन बाद ही उसे ई-मेल के जरिए एक फर्जी वीजा मिला। इसके बाद उसने पुलिस को शिकायत दी, जिसके आधार पर अब पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।