प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिशन मौसम लांच किया
चित्रकूट। मौसम वैज्ञानिक चन्दन मिश्रा ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ( आईएमडी ) की स्थापना के 150 वर्ष इस वर्ष 14 जनवरी को पूरे हुए। इस स्वर्णिम अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन मौसम लॉन्च किया है। यह मिशन भारत को मौसम की विभिन्न परिस्थितियों के लिए तैयार रहने और जलवायु के प्रति जागरूक बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। साथ ही उनके द्वारा 150 रुपये का विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया गया।
आईएमडी की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में चित्रकूट हवाई अड्डे पर स्थित वैज्ञानिक मौसम विज्ञान स्टेशन ने एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें विभाग की 150 वर्षों की उपलब्धियों और योगदान पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हवाई अड्डा निदेशक विनय गंगेले एवं डीएसपी अमित सिंह रहे।
हवाई अड्डा निदेशक विनय गंगेले ने बताया कि आईएमडी की स्थापना 1875 में ब्रिटिश भारत सरकार द्वारा मौसम डेटा संग्रह को केंद्रीकृत करने के लिए हुई तथा प्रथम मौसम विज्ञान रिपोर्टर हेनरी फ्रांसिस ब्लैनफोर्ड थे। इसकी स्थापना के कारण 1864 के कलकत्ता चक्रवात ( जिसमें 60,000 से अधिक लोग मारे गए ) और 1866 के उड़ीसा अकाल ( जो असफल मानसून के कारण हुआ था ) थे। उन्होंने बताया कि आईएमडी 150 वर्ष से देश की सेवा कर रहा है और तकनीकी एवं विज्ञान दो के उपयोग से देश के विकास में योगदान देने वाला हिडन हीरो है।
मौसम वैज्ञानिक चन्दन मिश्रा ने बताया आईएमडी छह क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्रों और सभी राज्यों की राजधानियों में राज्य स्तरीय केंद्रों का संचालन करता है। इन केंद्रों में चेन्नई, गुवाहाटी, कोलकाता, मुंबई, नागपुर और नई दिल्ली शामिल हैं। भारत की स्वतंत्रता के बाद ए आईएमडी 1949 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन का सदस्य बना। आईएमडी प्राकृतिक आपदाओं के लिए देश को तैयार करने हेतु मौसम पूर्वानुमान, चक्रवात अलर्ट, भूकंप निगरानी और प्रदूषण ट्रैकिंग प्रदान करता है। ग्राउंड वेधशालाओं, नौसेना जहाजों, वायुमंडलीय गुब्बारों और उपग्रहों से डेटा संग्रह के लिए एक जटिल संचार नेटवर्क का उपयोग करता है। जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए चरम मौसम घटनाओं की चेतावनियां जारी करता है।
इस अवसर पर वायु यातायात नियंत्रक संजय सिंह ने स्वरचित कविता पाठ किया तथा रोहित कुमार ( यूपीएसएसएफ ) ने गजल प्रस्तुत की। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि एवं सभी विभागाध्यक्षों को मौसम वैज्ञानिक चन्दन मिश्रा एवं वैज्ञानिक सहायक मधुसूदन कुशवाहा द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।