सीएम -छत्तीसगढ़ में निवेशकों के लिए मौका:एआई, आईटी जैसे सेक्टर में 32 हजार करोड़ निवेश किए जाएंगे
रायपुर: नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ की औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के संबंध में बुधवार को स्टेक होल्डर कनेक्ट वर्कशॉप आयोजित किया गया. इस वर्कशॉप में सीएम साय ने 27 बड़े औद्योगिक समूहों को 32 हजार 225 करोड़ रुपए के निवेश के लिए इंटेंट टू इन्वेस्ट लेटर दिया.
इनमें राज्य के कोर सेक्टर के साथ ही नये निवेश क्षेत्रों जैसे आईटी, एआई, डाटा सेंटर, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, कम्प्रेस्ड बायो गैस जैसे क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा. इनमें शिवालिक इंजीनियरिंग, मां दुर्गा आयरन एण्ड स्टील, एबीआरईएल ग्रीन एनर्जी, आरएजी फेरो एलायज, रिलायंस बायो एनर्जी, यश फैंस एण्ड एप्लायंसेस, शांति ग्रीन्स बायोफ्यूल, रेक बैंक डाटा सेंटर शामिल है.
छत्तीसगढ़ के लोगों को मिलेगा रोजगार: वर्कशॉप को संबोधित करते हुए सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नए नए उद्योगों की स्थापना की व्यापक संभावनाएं हैं. यहां मिनरल्स का विपुल भंडार है, अनुकूल औद्योगिक वातावरण है, साथ ही उद्योग और व्यापार जगत के प्रतिनिधियों से चर्चा कर राज्य की नवीन औद्योगिक विकास नीति 2024-30 तैयार की गई है. इस नई नीति में उद्योगों की स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान शामिल किए गए हैं.
नई औद्योगिक नीति के रूप में निवेशकों के लिए रेड कारपेट छत्तीसगढ़ में खुला है. सिंगल विंडों सिस्टम ने सब कुछ बहुत सरल कर दिया है: विष्णुदेव साय, छत्तीसगढ़ सीएम
नए निवेश के साथ नए उद्योगों की स्थापना: उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रेरणा लेकर किया गया है. नई नीति तैयार करने में उद्योगपतियों से सुझावों को शामिल किया गया है. इस नीति से प्रदेश में निवेश तो आएगा ही, नये उद्योगों की स्थापना होगी, साथ ही राज्य के लोगों को रोजगार मिलेगा.
नये क्षेत्रों में निवेश के लिए इंसेन्टिव स्कीम: नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार संजीत सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ निवेशकों के लिए पसंदीदा राज्य बन गया है. छत्तीसगढ़ के नवीन औद्योगिक नीति की हर तरफ तारीफ हो रही है. इस नीति से प्रदेश में सस्टेनेबल औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी. नई नीति में एमएसएमई उद्योगों को सशक्त बनाने का अच्छा प्रयास किया गया है. नये क्षेत्रों में निवेश के लिए इंसेन्टिव स्कीम तैयार की गई है.