लखनऊ हाई कोर्ट के आदेशों ने राजधानी लखनऊ के फ्लैट मालिकों की उड़ाई नींदे

LDA अधिकारियों की अनदेखी, कमियों, का कमियाज़ा भुगतेंगे राजधानी के फ्लैट मालिक
राजधानी लखनऊ में नक्शे के विपरीत बने अपार्टमेंट को लेकरLDA ने अपार्टमेंट पर नोटिस चस्पा किए हैं जिन्हें हाई कोर्ट के आदेशों पर 14 दिन बाद किराए जाने की कार्रवाई की जाएगी
इन अपार्टमेंट का निर्माण 2009 से 2012 के बीच हुआ था
ऐसी स्थिति में सवाल यह उठता है कि जब इन अपार्टमेंटों का निर्माण हो रहा था उस समय LDA के अधिकारी कहां थे
समय रहते इन बिल्डिंगों एवं बिल्डरों के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की गई
जाहिर है जिस समय यह अवैध निर्माण चल रहे थे और पैसों का बंदर बाट चल रहा था उस समय सभी ने मिलकर मलाई चाटी
और अब हाई कोर्ट के संज्ञान के बाद सभी अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं
बात अगर सच्चाई की की जाए तो राजधानी लखनऊ में 100 में से 95 मार्केट नशे के विपरीत बनी दिखाई देगी
जहां नशे में तो बेसमेंट को पार्किंग की जगह दिखाया गया है लेकिन बिल्डरों ने LDA की मिली भगत से पार्किंग की जगह में दुकान बनाकर बेच दी और LDA सब कुछ जानते हुए भी मूक दर्शक बना देख रहा है
जो राजधानी लखनऊ में जाम का एक बड़ा कारण है इन मार्केट में पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण आने वाले ग्राहकों को अपनी गाड़ियां मजबूरन रोड पर खड़ी करना पड़ती है जिसके कारण यातायात बाधित होता है और शहर का आम नागरिक दिनभर जाम से जूझता रहता है
क्या शहर की यह स्थिति LDA के अधिकारियों को नहीं दिखाई देती
राजधानी लखनऊ में अनगिनत अपार्टमेंट ऐसे हैं जिनको हाल ही में LDA द्वारा सील किया गया था लेकिन इन सभी अपार्टमेंट पर बिल्डिंग निर्माण का कार्य चल रहा है वह भी LDA के अधिकारियों की मिली भगत से
हाई कोर्ट को इन स्थितियों पर भी संज्ञान लेना चाहिए
अब हाईकोर्ट के संज्ञान के बाद एलडीए के अधिकारी अपने को फसता देख इस तरह की कार्रवाई करने को विवश है
जबकि कार्यवाही एलडीए के अधिकारियों से लेकर बिल्डरों के विरुद्ध होनी चाहिए
क्योंकि इन्हीं के षड्यंत्र का शिकार शहर का आम नागरिक बना है जिसने पाई पाई जमा कर अपना एक आशियाना बनाया आज उसी के आशियाने को जमी दोष करने की LDA तैयारी कर रहा है ऐसा कर LDA के अधिकारी खुद को बचाना चाहते है