मित्रता हो तो भगवान श्रीकृष्ण और श्रीसुदामा जैसी- भगवताचार्य सनत कुमार पाण्डेय

हैदरगढ़, बाराबंकी: विकास खण्ड हैदरगढ़ के ग्राम गंगापुर संसारा में शिवचरन पाल के आवास पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिवस की कथा में कथा व्यास सनत कुमार पाण्डेय जी ने कृष्ण और सुदामा की मित्रता का वर्णन किया।भगवताचार्य श्री पाण्डेय ने बताया कि श्रीकृष्ण की गुरू माता ने सुदामा को चने दिये और कहा कि जब भूख लगे तो श्रीकृष्ण और तुम खा लेना। सुदामा जंगल मे लकड़ी लेने के लिये गये तो भगवान श्रीकृष्ण पेड़ पर चढ़कर लकड़ी तोड़ने लगे उसी समय तेज आंधी और तूफान के साथ वर्षा भी होने लगी।उसके बाद सुदामा को भूंख लगी और सुदामा ने चने खा लिये, अपने हिस्से के चने खाकर भूख न मिटी तो भगवान श्रीकृष्ण के हिस्से के भी चने खा लिये।भगवान ने कहा कि सुदामा कुछ कटकट की आवाज आ रही थी तब सुदामा ने कहा कि सर्दी लगने के वजह से मेरे दांत किटकिटा रहे थे, जब श्रीकृष्ण ने सुदामा से पूछा कि गुरू माता ने कुछ खाने को दिया था तब सुदामा ने साफ मना कर दिया।क्योंकि सुदामा को पता था कि गुरमाता ने जो चने दिये थे वो श्रापित थे और जो वो चने खायेगा वो दरिद्र हो जायेगा, ये सोंचकर विद्वान ब्राम्हण सुदामा ने चने खा लिये कि मैं दरिद्र हो गया तो ठीक लेकिन अगर मेरे मित्र भगवान् श्रीकृष्ण दरिद्र हो गये तो क्या होगा? कथावाचक श्री पाण्डेय ने बताया कि मित्रता श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी होनी चाहिए कि यदि दूसरे मित्र पर संकट आये तो उसका साथ देना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों ने मनोरम झांकी निकाल कर भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर भाजपा विधायक दिनेश रावत, मंडल अध्यक्ष रजत मिश्रा ‘ मोहित’, भी मौजूद रहे। भाजपा नेता एवं समाजसेवी दुर्गा सिंह ने कथा व्यास और पूरी भजन मंडली को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया और दक्षिणा दी।अंतिम दिवस की कथा मे ग्राम प्रधान रामप्रताप सिंह रामू, पुनीत मिश्रा, रौनक तिवारी, शेषराम यादव, रघुनाथ पाल, भोले यादव, रोहित मिश्रा, रामू दुबे, विष्णु अवस्थी, रिंकू पाल, पत्रकार शिवम अवस्थी एवं सैकड़ों की संख्या मे भक्तों ने कथा श्रवण की