आगरा के उजाला सिग्नस रेनबो हास्पिटल में डायबिटीज डे पर लगा हेल्थ चेकअप कैंप
डॉक्टर्स बोले, डायबिटीज है तो खाइए कम, चलिए ज्यादा..डायबिटीज की कुछ जरूरी जानकारियां जानें
डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है, इसे सिर्फ कंट्रोल रखकर ही स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करना जरूरी है। अधिकतर डायबिटीज के मरीज अनहेल्दी लाइफस्टाइल जीते हैं जिसकी वजह से उन्हें ब्लड शुगर को काबू रखने के लिए रोजाना दवाओं का सहारा लेना पड़ता है। लंबे समय तक शुगर का बढ़ना कई समस्याएं पैदा कर सकता है। डायबिटीज डे पर गुरुवार को उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल में हेल्थ चेकअप कैंप लगाया गया। रेनबो आईवीएफ की एमडी डॉक्टर जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि डायबिटीज होने पर बांझपन के इलाज में दिक्कतें आती हैं। कई तरह की मानसिक बीमारियां हो जाती हैं। गांठें बन जाती हैं। इसलिए समय पर जांच कराते रहना चाहिए।
उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल के एमडी एवं मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि प्रेग्नेंसी में डायबिटीज हो जाए तो उसे जेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है। ऐसी स्थिति में नुक्स वाला बच्चा होने का डर रहता है। इसके अलावा पेट में पानी भर जाना, बच्चे का वजन बढ़ना आदि तकलीफ हो जाती हैं। आईवीएफ विशेषज्ञ डाॅक्टर निहारिका मल्होत्रा ने बताया कि मधुमेह के कोई सामान्य लक्षण नहीं हैं। अधिकांश महिलाओं को तब तक पता नहीं चलता कि उन्हें मधुमेह है जब तक वे जांच नहीं करा लेतीं। लगभग सभी गैर-मधुमेह गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था के 24 से 28 सप्ताह के बीच गर्भकालीन मधुमेह की जांच करानी चाहिए।
थोड़ा खाएं, गम खाएं : डाॅक्टर आरसी मिश्रा
प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डाॅक्टर आरसी मिश्रा ने बताया कि डायबिटीज एक घुन की तरह है। यह शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करती है। ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारियां होने के चांस ज्यादा रहते हैं। बिना डायबिटीज वाले लोगों की तुलना में डायबिटिक मरीज को ब्रेन हेमरेज का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। बचपन से ही डाइट पर ध्यान देना चाहिए। डाइट और अनुशासन से चीजें नियंत्रित रहती हैं। इसलिए थोड़ा खाएं, गम खाएं। तनाव से बचें और एक्सरसाइज करें।
डायबिटीज है तो हार्ट की जांच जरूरी : डाॅक्टर विनेश जैन
कार्डियक सर्जन डाॅक्टर विनेश जैन ने बताया कि डायबिटीज के बढ़ने पर व्यक्ति को हार्ट संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज और हार्ट डिजीज के बीच मजबूत कनेक्शन है। दिल पर काफी असर पड़ता है। पीड़ित लोगों को हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। शुगर उतना ही खतरनाक है जितना कि स्मोकिंग और तंबाकू। सामान्य व्यक्ति की तुलना में डायबिटीज से पीड़ितों को खतरा दोगुना होता है। डायबिटीज वाले लोगों को हार्ट की भी जांच करानी चाहिए।
डॉक्टर प्रकाश पुरसनानी ने बताया कि ब्लड शुगर हाई होने से आपको ज्यादा प्यास लगना, मुंह का सूखना, बार-बार पेशाब आना, थकान, कमजोरी, धुंधला दिखना, त्वचा में सूखापन और खुजली होना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इतना ही नहीं, बढ़ा हुआ ब्लड शुगर आपके किडनियों और आंखों को डैमेज कर सकता है। अगर आप डायबिटीज को कंट्रोल रखने के लिए रोजाना शुगर की मोटी-मोटी दवाएं नहीं निगलना चाहते हैं, तो आप कुछ आसान उपायों पर ध्यान देकर अपने ब्लड शुगर को काबू रख सकते हैं और लक्षणों को बिगड़ने से बचा सकते हैं।
डाइट का रखें ध्यान
डायटीशियन डाॅक्टर रेणुका डांग ने बताया कि डाइट का ब्लड शुगर पर सीधा प्रभाव पड़ता है। खाने में अधिक प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा शुगर और नमक वाला खाना आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। इसलिए डाइट में हरी सब्जियां, फल, दही और साबुत अनाज आदि को शामिल करें। सभी पोषक तत्व मिलने के साथ-साथ ब्लड शुगर भी मैनेज होगा। खाने में फाइबर की मात्रा बढ़ाने से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। फाइबर धीरे-धीरे पचता है जिस वजह ये ब्लड शुगर में स्पाइक नहीं आता, क्योंकि फाइबर पाचन के लिए लाभदायक होता है। इसके अलावा यह कोलेस्ट्रॉल और वजन कम करने में मददगार होता है।