राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष शिविर के समापन पर हुआ भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम

राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर के अंतिम दिवस पर्यावरण संरक्षण पर ग्रामीणों को जागरूक किया गया
हमीरपुर:- ब्रह्मानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राठ-हमीरपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त सात दिवसीय विशेष शिविर के अंतिम दिवस के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम ‘पर्यावरण संरक्षण’ विषय पर सभी स्वयंसेवक/स्वयंसेविकाओ द्वारा ग्रामीणों के मध्य पर्यावरण संरक्षण पर जागरूकता रैली निकल गई। रैली में जागरूकता संबंधित विभिन्न प्रकार के नारों यथा‘पर्यावरण बचे, तो प्राण बचे’, ‘जन जन तक संदेश पहुंचाना है, पर्यावरण को बचाना है’, ‘पर्यावरण है सबकी जान, वृक्ष लगाकर करो उसका सम्मान’, आदि नारों तथा स्लोगन आदि के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक करने का एक सार्थक प्रयास किया गया तथा सामूहिक रूप से उच्च प्राथमिक विद्यालय, सैदपुर के परिसर में आम, जामुन और बेल के वृक्षों का रोपण करके वृक्षारोपण को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया गया। अपराह्न में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के तकनीकी सत्र की शुरुआत आज के कार्यक्रम के प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र सिंह द्वारा वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ जितेंद्र सिंह और कार्यक्रम अधिकारी डॉ दुर्गेश कुमार की उपस्थिति में स्वामी विवेकानंद और मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजली कर प्रारंभ किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य ने बोलते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण में जल की महत्ता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जीवन की दृष्टि से पर्यावरण मानव के लिए सर्वोच्च जरूरत है। जल, जंगल और जमीन तीनों उनके प्रमुख आधार हैं। विकास के मौजूदा मॉडल की सबसे बड़ी विफलता यह है कि जीवन के इन तीनों आधारों को प्रदूषण ने घेर लिया है, जिस पर जागरूक होना आवश्यक है। वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी, डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पर्यावरण ऐसा विषय है, जिससे जीवन सीधा जुड़ा हुआ है। पर्यावरण का क्षरण बड़ा संकट है, इस चुनौती का सामना सामुदायिक सहभागिता के जरिए ही संभव है। डा. सिंह ने कहा कि वर्तमान में पर्यावरण प्रदूषण के कारण सभी प्रकार के जीवन, आसपास मंडराता संकट पूर्णतया मानव जनित है। मनुष्य अपनी अनंत इच्छाओं की पूर्ति हेतु विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन करते हुए इन संसाधनों को प्रतिदिन प्रदूषित कर रहा है, जिसके कारण हमारा प्राकृतिक पर्यावरण असंतुलित एवं प्रदूषित हो रहा है। डॉ वरुण कुमार सिंह मशने कहा कि वर्तमान में हम सभी का यह कर्तव्य है कि प्रत्येक क्षेत्र में समगतिशील विकास हेतु ग्रामीणों एवं युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के लिए वचनबद्ध करें, जिससे हमारी आगे आने वाली पीढ़ियां भी अपना जीवन स्वस्थ और सुखमय बिता सकें। कार्यक्रम अधिकारी, डॉ दुर्गेश कुमार ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण अहम पहल है, क्योंकि जीवनदायिनी ऑक्सीजन के लिए एकमात्र स्रोत वृक्ष ही है। उन्होंने बताया कि उपभोक्तावादी संस्कृति के विस्तार ने जंगल को नष्ट कर दिया है। समय रहते अगर हम ना चेते तो आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। डा. आर.बी. शर्मा ने कहा कि किसी भी राष्ट्रीय समाज अथवा संस्कृति की संपन्नता वहां के निवासियों की भौतिक समृद्धि में नहीं होती बल्कि वहां की जैव-विविधता पर निर्भर करती है। डॉक्टर विजय प्रताप गौतम ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण से मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इस पर समाज को सचेत होना चाहिए। उन्होंने विभिन्न समुदायों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यावरण के महत्व एवं इसके संरक्षण हेतु हम सभी को प्रतिवर्ष अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करना चाहिए। गोष्ठी के दौरान कशिश राजपूत, अमित, दीपांशु दीपांशु, प्रिंस, रितिक, अंकित, रोहित, आरुषि, निधि सहित कई स्वयंसेवकों/स्वयंसेविकाओं ने भी अपने विचार रखे। गोष्ठी के पश्चात पर्यावरण संरक्षण पर एक नाटक नुक्कड़ भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें यह दर्शाया गया था कि बढ़ती जनसंख्या के प्रति जीवन निर्वाह हेतु आधुनिक अवसंरचनाओं का निर्माण किस तरह पर्यावरण के प्रति प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। सड़कों, कारखानों एवं भवनों के निर्माण हेतु जितने वृक्षों का कटान आज हो रहा है, उतना वृक्षारोपण नहीं हो पा रहा है। फलतः इसमें यह बताने का प्रयास किया गया था कि वृक्षारोपण स्वस्थ्य मानव जीवन और पर्यावरण के लिए कितना आवश्यक है। शिविर के समापन अवसर पर स्वयंसेवकों द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ किया गया। तत्पश्चात स्वयंसेवकों द्वारा विभिन्न डांस, ग्रुप डांस और नाटक का रंगारंग मंचन प्रस्तुत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में गौरव, सुभा, दीपा, भावना, मधु, वंदना, वैष्णवी, स्नेहा, मौसम, प्रियांशी, प्रीति आदि ने प्रतिभाग किया। तत्पश्चात राष्ट्रीय सेवा योजना के संकल्प गीत के साथ शिविर का समापन किया गया। इस अवसर पर डॉ भावना शर्मा, डॉ दीपक सिंह, डॉक्टर सरजू नारायण, डॉ अरुण कुमार, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि हरनारायण माथुर, जीनत बानो, शशिकांत मिश्रा, सोमव्रत अग्रवाल,मुकेश कुमार, अभय कुमार सहित सैकड़ो की संख्या में ग्रामवासी भी मौजूद थे।