उत्तर प्रदेश

ईंट भट्टे पर मजदूर के बच्चे की गड्ढे में डूबने से मौत

आक्रोशित ग्रामीणों ने शव रखकर किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है।
असोथर थाना क्षेत्र के कंधिया गांव में एक ईंट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर के मासूम बच्चे की गड्ढे में डूबने से मौत हो गई।
इस हृदयविदारक हादसे के बाद आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर जमकर प्रदर्शन किया, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह दुखद घटना उस समय हुई जब जरौली निवासी रमेश रैदास कंधिया गांव स्थिति डीवी मार्का भट्ठे में ईंट पथाई का पत्नी विनीता और एकलौते पांच वर्षीय बच्चे शानू के साथ काम कर रहा था। मजदूर का बच्चा ईंट भट्टे के पास खेल रहा था। खेलते-खेलते वह अचानक पास ही स्थित पानी से भरे गड्ढे में जा गिरा।
गड्ढे की गहराई और पानी की वजह से बच्चे की तत्काल डूबने से मौत हो गई। जब तक परिजन और आसपास के लोग उसे बचाने पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
बच्चे की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया और मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
इस हादसे ने स्थानीय लोगों में गुस्से की लहर पैदा कर दी।
आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ईंट भट्टे पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे, जिसके चलते यह हादसा हुआ। ग्रामीणों ने बच्चे के शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने ईंट भट्टे के मालिक और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं मजदूरों के लिए असुरक्षित कामकाजी हालातों का नतीजा हैं।
घटना की सूचना मिलते ही असोथर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

प्रभारी निरीक्षक विनोद मौर्य का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह एक दुर्घटना प्रतीत हो रही है, लेकिन सभी पहलुओं की गहन पड़ताल की जा रही है।

इस घटना ने एक बार फिर मजदूरों के बच्चों की सुरक्षा और ईंट भट्टों पर काम करने वालों के लिए न्यूनतम सुविधाओं के अभाव का मुद्दा उठा दिया है।
ग्रामीणों ने मांग की है कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
फिलहाल, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी प्रदर्शनकारियों को शांत करा और मामले को सुलझाने में जुट गए हैं।

यह दुखद घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी बन गई है, बल्कि पूरे समाज के सामने कई गंभीर सवाल भी खड़े कर रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button