छत्तीसगढ़

एकनाथ शिंदे बोले- भाजपा का CM हमें मंजूर:पद की लालसा नहीं; जब मुख्यमंत्री था तब मोदी साथ खड़े रहे, जो फैसला लेंगे स्वीकारछत्तीसगढ़ के NCP नेता की हत्या मामले में ‘सुप्रीम’ फैसला, दो की आजीवन कारावास की सजा निलंबित; जमानत दी

छत्तीसगढ़ में एनसीपी नेता राम अवतार जग्गी की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी अभय गोयल और फिरोज सिद्दीकी को राहत देते हुए जमानत दे दी. कोर्ट ने मुख्य आरोपी याह्या ढेबर की जमानत याचिका खारिज कर दी. अन्य आरोपियों की याचिका पर 9 दिसंबर को सुनवाई होगी.

एनसीपी नेताराम अवतार जग्गी की 4 जून 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 31 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से 28 को कोर्ट ने दोषी करार दिया. दो लोग सरकारी गवाह बने थे, जबकि अमित जोगी को कोर्ट ने बरी कर दिया.

कौन थे राम अवतार जग्गी ?

बिजनेस बैकग्राउंड वाले राम अवतार जग्गी छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता थे. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के करीबी माने जाते थे. जब शुक्ल ने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए, तो जग्गी भी एनसीपी में शामिल हो गए. एनसीपी ने उन्हें कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी.

कांग्रेस से अलग होने के बाद विद्याचरण शुक्ल ने एनसीपी को राज्य में विस्तार देने का काम किया और इस कार्य में उनका साथ जग्गी भी दे रहे थे. राज्य में एनसीपी की एक प्रस्तावित रैली से पहले जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

सीबीआई को सौंपी गई थी जांच

शुरुआत में इस मामले की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस ने की, लेकिन कुछ दिनों बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था. सीबीआई ने जांच में बताया कि हत्या भाड़े के अपराधियों द्वारा की गई थी और यह भी सामने आया कि राज्य पुलिस ने आरोपी को बचाने के प्रयास किए थे.

सीएम पर लगे थे आरोप

घटना की सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने माना कि यह हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण हुई थी. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि राज्य में एनसीपी के बढ़ते प्रभाव के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री अजित जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी ने हत्या की साजिश रची थी.

हाईकोर्ट ने यह भी माना कि आरोपियों के बीच मुख्यमंत्री के आवास और होटलों में कई बैठकें हुई थीं. इस मामले में तीन पुलिस अधिकारियों वीके पांडे, अमरीक सिंह गील और राकेश चंद्र त्रिवेदी पर आरोप था कि उन्होंने सबूत छिपाने के लिए कुछ लोगों को फंसाया था.

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