उत्तर प्रदेश

न्यायालय एसीजेएम कोर्ट नं0-03 जनपद फतेहपुर के न्यायालय ने झूठा साक्ष्य, धोखाधड़ी करने वाले को किया तलब

जनपद के न्याय प्रिय जज साक्ष्य के आधार पर जमानतदार को तलब कर जारी किया सम्मन

फतेहपुर न्यायालय एसीजेएम कोर्ट नं0- 03 जनपद फतेहपुर न्यायालय ने झूठा साक्ष्य धोखाधड़ी करने वाले को तलब कर जारी किया गया सम्मन जहां आपको बताते चलें कि प्राप्त जानकारी के अनुसार जमानतदार धुक्कड न्यायालय में एक मामले पर अपने कागज लगाकर जमानत लिया था जो कि वह मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है फिर भी जमानत दार धुक्कड़ दूसरे मामले पर उसी कागजात/ अभिलेखों को लगाकर जमानत ले ली है।मामला कुछ इस प्रकार है कि मुकदमा 21352/2022 में धारा 308, 325, 147, 148, 323, 506 भा०द०स० जो कि सीजेएम कोर्ट नंबर 01 में विचाराधीन था।जिसमें ब्रजेश कुमार त्रिपाठी वादी हैं।जहां इस मुकदमें में अभियुक्त अखिलेश की जमानत धुक्कड ने ली है। जिसमें खाता संख्या 60 और गाटा संख्या 187 के प्रपत्र लगाए हुए है और झूठा शपथपत्र दिया है। वहीं जमानतदार पहले से इन्हीं कागजों पर मुकदमा नंबर 878/2020 में अभियुक्त हंसराज की भी जमानत ली थी। जिस पर वादी ने न्यायालय में एक प्रश्नोत्तरी दाखिल की और कहा कि जमानतदार ने न्यायालय में झूठा साक्ष्य प्रस्तुत कर अभियुक्त अखिलेश की जमानत ली है।

जहां उक्त मामले पर धारा 200 दं०प्र०स० में परिवादी द्वारा स्वयं को परीक्षित कराया गया है इसके अतिरिक्त धारा 202 द०प्र०स० के अंतर्गत परिवादी द्वारा किसी भी साक्ष्य को परीक्षित नहीं कराया गया जहां परिवादी द्वारा पुलिस अधीक्षक को भेजे गए प्रार्थना पत्र की छाया प्रति, रजिस्ट्री डाक रसीद की मूल प्रति, प्रश्नोत्तरी एसीजेएम कोर्ट नंबर 01 की छाया प्रति,खतौनी की छाया प्रति व स्वयं के आधार कार्ड की फोटो कॉपी दाखिल की है।

जिस पर न्यायालय परिवादी के अधिवक्ता को सुना तथा अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर… न्यायालय ने यह आदेश जारी किया कि पत्रावली पर समस्त अभिलेखीय एवं साक्षीगण के बयान अंतर्गत धारा 200 द०प्र०स० के आधार पर विपक्षी द्वारा गलत साक्ष्य जानते हुए भी जानबूझकर न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं।जिस पर जमानतदार के द्वारा धोखाधड़ी करने का अपराध किया गया है जिससे उसके विरुद्ध प्रथम दृष्टया धारा 196,420 भा०द०स० के आधार पर जमानतदार मुल्जिम धुक्कड़ को उपरोक्त धाराओं पर न्यायालय ने सम्मन जारी करते हुए तलब किए जाने का आदेश जारी किया है।

वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी प्रकार 10 और जमानतदार हैं जो न्यायालय में झूठे साक्ष्य जानते हुए प्रस्तुत कर न्यायालय को गुमराह छल कपट धोखाधड़ी करने का प्रयास किया है और एक अभियुक्त की जमानत लेने के बाद उन्हीं कागजातों से दूसरे मुकदमा में दूसरे अभियुक्त की जमानत ली है।।

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