जीवन शैली में बदलाव और खानपान में बदलाव ही बचाव का मुख्य साधन है:डॉ नंदिनी रस्तोगी
कानपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कानपुर शाखा ने 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस के पर प्रेसवार्ता का आयोजन किया। आईएमए कानपुर की अध्यक्ष डॉ नंदिनी रस्तोगी वरिष्ठ फिजिशियन एवं मधुमेह रोग विशेषज्ञ ने बताया कि सम्पूर्ण विश्व में 14 नवम्बर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। आयोजन की शुरूआत IDF तथा WHO द्वारा वर्ष 1991 में की गयी थी । मधुमेह के रोगियो में लगातार बढ़ रही स्वास्थ्य सम्बंधी परेशानियों के लिये जनजागरूकता एवं नियंत्रण हेतु उपरोक्त दिवस आयोजित किया जाता है। यह विश्व का सबसे बड़ा मधुमेह जागरूकता अभियान है जो कि 160 से भी अधिक देशों में चलाया जाता है इस अभियान में मधुमेह से सम्बन्धित महत्वपूर्ण समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया जाता है । इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मधुमेह बीमारियों से उत्पन्न विभिन्न समस्याओं के विषय मे जागरूकता बढ़ाना है। आज डायबिटीज के नए नये चिकित्सा तरीक़े उपलब्ध है पर जीवन शैली में बदलाव और खानपान में बदलाव ही बचाव का एक मुख्य साधन है और चिकित्सा और दवाएं लेने के बावजूद भी जीवन शैली को नियंत्रित रखने की जरूरत है। हाईली प्रोसेस्ड फूड ,शुगर सैचुरेटेड फैट और ट्रांसफैट और रेड मेड फास्ट फूड आदि का उपयोग कम कर के हम मधुमेह होने से बचे रह सकते हैं और हमारा कर्तव्य कि हम अपने आप को मधुमेह रोगी होने से बचाएं और जो इससे पीड़ित है उसकी यथासंभव मदद करें। बचपन से ही वजन को नियंत्रण में रखकर और एक्टिव जीवन की ओर अग्रसर हो कर हम मधुमेह की बढ़ती हुई संख्या पर नियंत्रण पा सकते हैं I प्रेस वार्ता में, कानपुर डायबिटीज एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ. ब्रिज मोहन, डॉ. रितेश चौधरी एवम डॉ. प्रीति आहूजा ने भी प्रतिभाग किया एवं डायबिटीज की रोकथाम पर अपने विचार रखे।