तालाब खुदाई के नाम पर बिदोखर मेदनी में भारी भ्रष्टाचार का आरोप

तथ्य छिपाने को तालाब में पानी भरवाने का हो रहा प्रयास
एसडीएम ने नायब तहसीलदार को दिए जांच के आदेश
सुमेरपुर विकाखण्ड के ग्राम बिदोखर मेदनी निवासी दो ग्रामीणों ने जिला अधिकारी को शपथ पत्र देकर ग्राम पंचायत में तालाब खुदाई के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की शिकायत की है। धीरज सिंह ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए एक तालाब से मिट्टी खुदवाकर दूसरे तालाब में डालकर लीपापोती की जा रही है। इस मामले में एसडीएम ने शिकायत मिलने पर नायब तहसीलदार से जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
धीरज सिंह पुत्र सिंहल सिंह तथा ओम प्रकाश अवस्थी ने अपने शपथ पत्र में उल्लेख किया कि 5 फरवरी 2025 से 7 फरवरी 2025 के बीच मनरेगा कार्यों की भौतिक समीक्षा के लिए ऑडिट टीम गांव में आने वाली है। इसको देखते हुए ग्राम प्रधान लालाराम यादव ने करुआ तालाब से बिना उपजिलाधिकारी की अनुमति के मिट्टी खुदवाकर अमृत सरोवर नकटा तालाब के पारों में डालने का काम किया है। यह कार्य पूर्व में मनरेगा योजना के तहत नकटा तालाब के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को छिपाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। शिकायत कर्ताओं का आरोप है कि मनरेगा योजना के तहत वर्क आईडी 3141020014/व/95848625582343572 के अंतर्गत नकटा तालाब के निर्माण के लिए 2023-24 में कई मस्टर रोल जारी किए गए। इनमें मस्टर रोल नंबर 947 से लेकर 1749, 2497 से 2499, 3326, 3330 तथा अन्य करीब 34 से 35 मस्टर रोल पर 300 से 350 मजदूरों का कार्य दर्ज दिखाया गया है। जबकि वास्तविकता यह है कि मौके पर केवल 5 से 10 मजदूर ही कभी-कभार काम करते थे। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने तालाब के पास सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे हैं, जिससे वहां हुए कार्य के साक्ष्य भी उपलब्ध हैं। इसी कारण तालाब निर्माण का भुगतान स्वीकृत बजट के अनुसार नहीं हुआ। ग्राम प्रधान ने फर्जी मजदूरों को दिखाकर भुगतान निकाला है। उन्होंने आगे बताया कि ग्राम प्रधान ऑडिट टीम के आने से पहले तालाब में पानी भरवाने और मिट्टी डालकर कार्य दिखाने की योजना बना रहा है। इसके लिए करुआ तालाब से हजारों ट्रॉली मिट्टी खुदवाई गई, जिसमें से कुछ मिट्टी नकटा तालाब के पारों में डाल दी गई और शेष मिट्टी बेच दी गई। धीरज सिंह और ओमप्रकाश अवस्थी ने इसे अवैध खनन बताया और जांच की मांग की है, ग्रामीणों की शिकायत पर एसडीएम ने मामले की जांच के लिए नायब तहसीलदार को आदेश दिए हैं। इस संबंध में जब ग्राम प्रधान लालाराम यादव से बात की गई, तो उन्होंने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि करुआ तालाब की मिट्टी खेल मैदान में डलवाई गई है। सचिव सोनाली सचान से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन नहीं मिला। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।