हरियाणा

हरियाणा में खराब लिंगानुपात पर सख्ती: 12 CHC को ‘कारण बताओ’ नोटिस, नोडल अधिकारियों पर भी कार्रवाई

चंडीगढ़: हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने कम लिंगानुपात वाले क्षेत्रों के 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अधिकारियों ने बताया कि यह कदम राज्य में कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लगाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है.

राज्य टास्क फोर्स गठित: हरियाणा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक वीरेंद्र यादव कन्या भ्रूण हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) के संयोजक हैं. उन्होंने कहा “हम राज्य में गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम को सख्ती से लागू कर रहे हैं. नतीजतन, 300 मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) केंद्रों के पंजीकरण रद्द कर दिए गए हैं या स्वेच्छा से वापस ले लिए गए हैं.”

23 एमटीपी केंद्रों को नोटिस: यादव ने कहा कि एसटीएफ ने इस सप्ताह 23 एमटीपी केंद्रों को नोटिस जारी किए हैं, तथा पिछले दो महीनों में 17 ऑनलाइन एमटीपी किट विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. उन्होंने कहा कि हिसार जिले में पीएनडीटी नोडल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है तथा रेवाड़ी जिले के नाहर, भिवानी जिले के तोशाम, जींद के दनौदा, करनाल के कुंजपुरा, नूंह के तौरू, फरीदाबाद के तिगांव, फतेहाबाद के भट्टू कलां, महेंद्रगढ़ के अटेली, हिसार के उकलाना, फतेहाबाद के बड़ोपल, करनाल के निसिंग तथा कुरुक्षेत्र के लाडवा में कम लिंगानुपात के लिए 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं.

असंतोषजनक जवाब पर होगी कार्रवाई: यादव ने कहा कि अगर एसएमओ के जवाब असंतोषजनक पाए गए तो उन्हें चार्जशीट किया जाएगा. इसके अलावा, राज्य में सबसे कम लिंगानुपात वाले पांच जिलों – चरखी दादरी, रेवाड़ी, रोहतक, गुरुग्राम और फरीदाबाद – के पीएनडीटी नोडल अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बदल दिया गया है. यादव ने कहा कि हिसार में सिविल सर्जन अवैध गर्भपात में शामिल एक दलाल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी कर रहे हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button