डीएम ने बिजलीं चेकिंग प्रवर्तन टीम के 06 सदस्यों को किया सस्पेंड

शाहजहांपुर में पहली बार बिजलीं विभाग की मनमानी पर लगी लगाम
बिजलीं विभाग में प्रवर्तन दल वर्षों से चेकिंग के नाम पर उपभोक्ताओं से करता था अभद्र व्यवहार
शाहजहांपुर। जिलाधिकारी ने बिजली विभाग की प्रवर्तन टीम (विजिलेंस) टीम के 6 सदस्यों को सस्पेंड कर दिया है। टीम द्वारा बिजली चैकिंग के नाम पर उपभोक्ताओं को उत्पीड़न करने की शिकायते डीएम को मिल रही थी। जिसका संज्ञान लेकर जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने एडीएम वित्त एंव राजस्व अरविंद कुमार को इसकी जांच सौंपी थी। एडीएम एफआर ने मामले की जांच करते हुए विधुत वितरण खण्ड जलालाबाद के अधिशासी अभियंता मुदित सोनकर से आख्या मांगी। मामला यह था कि प्रवर्तन दल ने 11 उपभोक्ताओं पर बिजलीं चोरी का मुकदमा दर्ज कराया था जिसमे उन्होंने यह बताया था कि उक्त उपभोक्ताओं के कनेक्शन नही है। जांच के दौरान अधिशासी अभियंता ने जो रिपोर्ट एडीएम को सौंपी उसमें उन्होंने साफ़ लिखा कि उक्त सभी 11 उपभोक्ताओं के कनेक्शन हैं। यही नहीं 11 उपभोक्ताओं में से 04 उपभोक्ताओं के मीटर भी लगे हैं, उपभोक्ताओं ने यह साफ बयान दिए हैं कि रुपये नही देने पर टीम ने चोरी का मुकदमा दर्ज कराया है। जिसके बाद एडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी, डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने जांच रिपोर्ट के आधार पर बड़ी कार्यवाही की है। प्रवर्तन टीम में इंस्पेक्टर राजेश कुमार यादव,अवर अभियंता,उमाकांत, मुख्य आरक्षी महेश कुमार सिंह, सत्येंद्र कुमार, सोनू कुमार, रीना सागर को सस्पेंड करते हुए प्रमुख सचिव ऊर्जा को विभागीय कार्यवाही के लिए पत्र भी लिखा है। एडीएम की रिपोर्ट में एक अहम बात का भी खुलासा किया गया है कि पिछले आठ वर्षों से टीम के जिस वाहन को आउटसोर्सिंग के माध्यम से लिया जा रहा था जिसमे टेंडर डालने वाली कंपनियों से लेकर स्टाफ तो बदल रहा था लेकिन चालक एक ही रहा। यानी बिजलीं विभाग के प्रवर्तन दल में पिछले आठ साल से चालक शकील अहमद नाम का व्यक्ति ही रहा वजह थी कि वसूली के लिए उसे व उसके फोन का इस्तेमाल किया जा रहा था। शाहजहांपुर डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव ऊर्जा को लिखे पत्र में चालक शकील अहमद को ब्लैक लिस्टेड करने की बात कही है।