आगरा जिला जेल में नशे का कारोबार जोरों पर, चरस से भरी हुई बीड़ी, सिगरेट, सब बेचा जा रहा बंदियों को
जिसकी जेब में है पैसा उसके लिए जेल जेल नहीं है। बंदियों की जेब में हो पैसा हो तो मिलती है वीआईपी सुविधा
आगरा। आगरा जिला जेल में नशे का कारोबार इस समय जोरों पर चल रहा है। जेल में बंद बंदियो पर अगर पैसा है। तो उनके लिए वह जेल नहीं है। क्यों कि अगर पैसा होगा तो वहां सब कुछ उनके लिए उपलब्ध कराया जाएगा जेल से छूटकर आए सांकेतिक नाम राहुल ने बताया कि जेल प्रशासन को चैकिंग होने की पहले ही सूचना मिल जाती है। फिर जेल के अधिकारी और कर्मचारी जेल में फैली अवस्थाओं को सुधारने का काम करते हैं। नशे के सामान जैसे चरस,बीड़ी सिगरेट, गुटका आदि को जेल में बनी गौशाला के पास बने एक रूम में रखवा देते हैं। जेल में मौजूद कैंटीन को ऐसे साफ कर देते हैं। जैसे कि वहां कैंटीन नहीं एक खंडर कमरा पड़ा हुआ है। जेल में 60 रुपए की दाल दी जाती है। अगर जेल के अंदर बंदियो को दिए जाने वाले खाने की शिकायत की जाती है। चैकिंग के आने वाले अधिकारियों को बेरिंग तक चेकिंग करने के लिए आने नहीं दिया जाता शुद्ध खाना जेल के अंदर बनी कैंटीन से बाहर पहुंचा दिया माही निषाद की रिपोर्ट आगरा से