उत्तर प्रदेश

राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से कुल 3,06,804 मामलों का हुआ निस्तारण

राष्ट्रीय लोक अदालत का जिला जज संजीव शुक्ला ने किया उद्घाटन

हरदोई । अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदोई भूपेन्द्र प्रताप ने बताया कि जनपद न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संजीव शुक्ला द्वारा शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया गया तथा जनपद न्यायालय में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय महेन्द्र नाथ, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण राजेश कुमार सिंह, स्थाई लोक अदालत अध्यक्ष आदिल आफताब अहमद, अपर जिला जज प्रीती श्रीवास्तव, अध्यक्ष बार एसोसिएशन कृष्ण दत्त शुक्ल, महामंत्री महेन्द्र प्रताप सिंह, नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत अपर जिला जज हेमेन्द्र कुमार सिंह, समस्त न्यायिक अधिकारी, लीगल एड डिफेंस काउंसिल व बैंक अधिकारी उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओ, विभिन्न बैंकों, बीमा कंपनियों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया एवं वादों का निस्तारण कराया।
नोडल अधिकारी/अपर जिला जज हेमेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से विभिन्न न्यायालयों द्वारा 17176 वादों का निस्तारण किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत में उत्तराधिकार प्रकृति के 25 वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 55 वाद, पारिवारिक मामलों के 55 वाद,स्थाई लोक अदालत के 05, फौजदारी के 16953 वाद, विभिन्न प्रकृति के 108 एवं जिला प्रशासन द्वारा 5799 वादों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते व अभिस्वीकृति के आधार पर किया गया।
मोटर दुर्घटना वादों में 29,48,0000/- रुपये की धनराशि प्रतिकर के रूप में पीड़ित पक्षकारों को दिलवाई गई। ई-डिस्ट्रिक पोर्टल के माध्यम से जिला प्रशासन के विभागों द्वारा 2,79,687 मामलों का निस्तारण किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/अपर जिला जज भूपेन्द्र प्रताप ने बताया कि लोक अदालत के आयोजन में जनपद न्यायालय परिसर में बैंकों के कैम्प लगाए गए, जिसमें विभिन्न बैंकों ने बैंक ऋण से संबंधित 1739 वादों का निस्तारण किया एवं कुल ऋण धनराशि 17,46,61,847/- रुपये का समझौता किया गया व भारत संचार निगम द्वारा 12 वादों का तथा यातायात निरीक्षक द्वारा 2391 ई-चालान का निस्तारण किया गया।
प्राधिकरण सचिव ने अवगत कराया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 3,06,804 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि 23,38,93,973/- रुपये रही।
राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में समस्त न्यायिक अधिकारियों, बैंक-बीमा कंपनी तथा जिला प्रशासन व अधिवक्ताओ का योगदान रहा।

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