चंडीगढ़ वासियों को मिली बड़ी राहत, बिजली बिल में नहीं बढ़ेगा एमसी टैक्स
चंडीगढ़ वासियों के लिए अच्छी खबर है। नगर निगम ने बिजली बिल में एमसी टैक्स 10 से 16 पैसे करने के प्रस्ताव को वापस ले लिया है। मेयर कुलदीप कुमार ने कहा कि 23 नवंबर को सदन की होने जा रही बैठक में बिजली बिल में एमसी टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव पर अब चर्चा नहीं होगी। आधिकारिक रूप से इस प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है। इस मुद्दे को अमर उजाला ने प्रमुखता से उठाया था।
अभी शहरवासियों के घरों में जो बिजली का बिल आता है, उसमें प्रति यूनिट 10 पैसा एमसी टैक्स लगता है। यह टैक्स दिसंबर 2019 में लगाया गया था। इससे नगर निगम को सालाना 15 से 16 करोड़ रुपये की आमदनी होती है। नगर निगम के मुताबिक पंजाब में बिजली की खपत पर दो प्रतिशत का म्युनिसिपल टैक्स लगाया जाता है, जो करीब 16 पैसा प्रति यूनिट होता है। हालांकि, हरियाणा में यह महज 8 पैसा प्रति यूनिट है। चूंकि, नगर निगम वित्तीय संकट से जूझ रहा है इसलिए उम्मीद थी कि इससे 15 से 16 करोड़ की जगह हर साल 22 से 23 करोड़ रुपये की आमदनी होने लगेगी। इस पर 23 नवंबर को सदन की होने जा रही बैठक में प्रस्ताव लाया जाना था।
अपनी ही पार्टी ने शुरू किया विरोध
उधर, बिजली बिल में एमसी टैक्स 10 से 16 पैसे करने का पता चलते ही बवाल मच गया। मेयर कुलदीप कुमार का आम आदमी पार्टी आप और सहयोगी कांग्रेस ने ही विरोध करना शुरू कर दिया। इसे देखते हुए मेयर ने प्रस्ताव को वापस लेना पड़ा। आप नेता प्रेम गर्ग ने कहा कि पार्टी ने 16 दिसंबर 2021 के घोषणापत्र में मुफ्त पानी, बिजली और पार्किंग का वादा किया गया था। इस वादे ने नगर निगम चुनाव में आप को 14 सीटें दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब जब आप का मेयर है तो बिजली पर उच्च शुल्क लगाने का कोई भी प्रस्ताव इन वादों से पीछे हटने और जनता के विश्वास को तोड़ने वाली बात है।
वहीं, चंडीगढ़ कांग्रेस का कहना है कि कम से कम 2029 तक शहर के निवासियों पर कोई भी नया कर लगाने या किसी मौजूदा कर की दर बढ़ाने के किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेगी। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान शहरवासियों पर किसी तरह का बोझ नहीं डालने का वादा किया था। शहर के नागरिकों पर कोई नया टैक्स नहीं लगाने दिया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की और प्रदेश सचिव सचिव नरेंद्र चौधरी ने टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। उधर, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नरेश अरोड़ा ने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर जनता को लूटने की तैयारी कर रही हैं। कांग्रेस का विरोध दिखावा मात्र है।
चुनाव के समय आप ने एमसी टैक्स को खत्म करने का किया था वादा
वर्ष 2021 में नगर निगम के चुनाव हुए थे। चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने 16 दिसंबर 2021 को अपना मेनिफेस्टो जारी किया था, जिसे आप ने घोषणा पत्र कहा था। उसमें कई वादों के साथ यह भी कहा था कि वह बिजली के बिलों में नगर निगम की ओर से लगाए जाने वाले एमसी टैक्स को वह खत्म करेंगे। अब यही आम आदमी पार्टी टैक्स को खत्म करना तो दूर करीब 60 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव लेकर आई है।
संस्था ने नहीं भरा 17 लाख का पानी का बिल, अब निगम भरेगा
नगर निगम में अप्रैल 2008 में पीपल फॉर एनिमल्स संस्था को सेक्टर-25 में गोशाला चलाने का काम सौंपा था। संस्था ने अगस्त 2023 तक सेक्टर-25 में गोशाला चलाई। इस दौरान उन्होंने करीब 17 लाख रुपये के पानी के बिल का भुगतान नहीं किया जो, अब 20.89 लाख रुपये हो गए हैं। लगातार बढ़ रहे बिल की वजह से गोशाला का पानी का कनेक्शन कट सकता है। इससे गाएं प्रभावित हो सकती हैं इसलिए बैठक में यह प्रस्ताव लाया जा रहा है कि पानी के बिल को फिलहाल निगम भर दे। इस बीच पीपल फॉर एनिमल्स संस्था से बकाया वसूल करने की कार्रवाई जारी रहेगी। साथ ही शहर के 926 डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्टर्स के साथ नगर निगम के एमओयू को 30 अप्रैल 2025 तक एक्सटेंशन देने का भी एजेंडा आएगा। सदन बैठक में केबल ऑपरेटर के ग्राउंड रेंट को हर साल 10 से 20 फीसदी बढ़ाने और सेक्टर-25 व मलोया के गोशाला में कैटल फीड पहुंचाने के वर्तमान टेंडर को एक्सटेंशन देने का भी एजेंडा लाया जाएगा।