झारखण्ड

86 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद, अब 23 का इंतजार

रांची: झारखंड विधानसभा का इस बार चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है. दो चरणों में हुए मतदान के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई राजनीतिक दिग्गजों का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में कैद हो गयी है. अब सभी को 23 नवंबर का इंतजार है.

छिटपुट घटनाओं को छोड़ शांतिपूर्ण रहा मतदान

दो चरणों में हुए मतदान में कोई बड़ी हिंसक वारदात नहीं हुई है. पुलिस नोडल पदाधिकारी एवी होमकर के अनुसार छिटपुट घटना को छोड़कर मतदान ओवर ऑल शांतिपूर्ण संपन्न हुआ है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान कराना चुनौतीपूर्ण था. केंद्रीय बलों के साथ साथ राज्य पुलिस की कंपनी लगाई गई. बार्डर वाले इलाकों में खासकर दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल से सटे इलाकों में शांतिपूर्ण मतदान हुआ है.

पहला चरण 13 और 20 नवंबर को दूसरे और अंतिम चरण में हुए मतदान के बाद सबकी नजरें 23 नवंबर को आनेवाले जनादेश पर टिकी हुई है. इन सबके बीच झारखंड के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. इस लिस्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, सीता सोरेन, मीरा मुंडा, गीता कोड़ा, डॉ. रामेश्वर उरांव, इरफान अंसारी, मिथिलेश ठाकुर सहित कई शामिल हैं. दोनों चरणों के चुनाव में कुल 1213 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं.

कई मायनों में अहम रहा 2024 का विधानसभा चुनाव

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 कई मायनों में अहम रहा. पहली बार राज्य में दो चरणों का मतदान हुआ जिसमें लोगों ने जमकर भागीदारी निभाई. पहले चरण में करीब तीन फीसदी मतदान 2019 के चुनाव से अधिक हुए, जिसमें 43 में से 37 सीटों पर महिलाओं ने पुरुष मतदाता के अपेक्षा अधिक मतदान किया. दूसरे चरण में 38 सीटों पर वोटिंग हुई जिसमें शाम 5 बजे तक 68.45% मतदान हुए हैं. इस चरण में सबसे ज्यादा नाला विधानसभा क्षेत्र में मतदान हुए हैं, यहां 80.30% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. वहीं सबसे कम मतदान बोकारो में हुआ है जहां 50.52% मतदान हुए हैं.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के अनुसार मतदान प्रतिशत में बदलाव कल तक संभव है और इसे अंतिम रुप से जारी किया जाएगा. इस बार के चुनाव में सबसे ज्यादा संथाल में मतदाताओं का उत्साह देखा गया जहां ग्रामीण क्षेत्रों में लंबी-लंबी कतारें दिनभर लगी रही. महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव की तुलना में अब तक जानकारी के मुताबिक करीब तीन प्रतिशत अधिक मतदान हुए हैं. 2019 में इस विधानसभा क्षेत्र में 76.39% मतदान हुए थे.

बहरहाल मतदान शांतिपूर्ण संपन्न होने से चुनाव आयोग ने राहत की सांस ली है. वहीं अब सबकी नजर 23 नवंबर को होनेवाले मतगणना पर टिकी है. जिस दिन यह तय होगा कि आखिर किसे जनमत मिला है.

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